बिजनेस के लिए ले रहे पर्सनल लोन? इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान

वर्तमान समय में पर्सनल लोन लेना एक आम बात हो गई है। लोग इसे मेडिकल खर्च, बच्चों की पढ़ाई, शादी या यहां तक कि अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए भी ले रहे हैं। खासकर जब आपको तुरंत पैसों की जरूरत हो, तब पर्सनल लोन एक आसान विकल्प के रूप में सामने आता है। लेकिन अगर आप बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। क्योंकि पर्सनल लोन की प्रकृति और नियम, बिजनेस लोन से काफी अलग होते हैं।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि अगर आप बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो किन 5 जरूरी पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही हम यह भी समझेंगे कि टैक्स, क्रेडिट स्कोर और लोन लिमिट जैसी बातें आपके लिए कितनी अहम हो सकती हैं।

Contents

1. पर्सनल लोन की जल्दी मंजूरी – तुरंत कैश की जरूरत वालों के लिए वरदान

जब बिजनेस में अचानक कैश फ्लो की जरूरत पड़ती है, तो बैंक से बिजनेस लोन लेना थोड़ा वक्त ले सकता है। बिजनेस लोन के लिए ढेर सारे डॉक्यूमेंट्स, वित्तीय रिपोर्ट्स, बिजनेस प्लान आदि की जरूरत होती है। दूसरी तरफ, पर्सनल लोन में यह प्रक्रिया बेहद आसान और तेज होती है।

पर्सनल लोन की खासियतें:

  • कम समय में मंजूरी (कई बार 24 घंटे के अंदर)
  • न्यूनतम दस्तावेज़ीकरण
  • ऑनलाइन आवेदन और प्रोसेसिंग की सुविधा

यह सुविधा उन छोटे कारोबारियों के लिए फायदेमंद होती है, जिन्हें किसी डील को फाइनल करने के लिए या स्टॉक खरीदने के लिए फौरन रकम चाहिए होती है।

2. बिना गारंटी के पर्सनल लोन – आसान, लेकिन जोखिम भरा

पर्सनल लोन लेने के लिए आपको किसी प्रकार की जमानत (Collateral) की जरूरत नहीं होती, यानी यह अनसिक्योर्ड लोन होता है। इसका मतलब है कि लोन लेने के लिए कोई प्रॉपर्टी, गाड़ी या अन्य संपत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती।

लेकिन इस सुविधा की कीमत भी चुकानी पड़ती है:

  • ब्याज दर ज्यादा होती है: क्योंकि बैंक को जोखिम ज्यादा होता है।
  • EMI और लोन शर्तें सख्त हो सकती हैं: लोन की अवधि कम हो सकती है, जिससे मासिक किस्त ज्यादा बनेगी।

इसलिए, अगर आप बिजनेस के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं, तो ब्याज दर, रीपेमेंट अवधि और EMI की गणना पहले से करके चलें। बैंक की पॉलिसी के अनुसार ब्याज दर 10% से लेकर 24% तक हो सकती है, जो आपके क्रेडिट स्कोर पर भी निर्भर करती है।

3. लोन की लिमिट – आपकी जरूरत से कम न हो जाए रकम

पर्सनल लोन की एक महत्वपूर्ण सीमा होती है – इसकी अधिकतम लिमिट। ज्यादातर बैंक या NBFCs ₹50,000 से लेकर ₹10 लाख तक का पर्सनल लोन ही देते हैं। यदि आपके बिजनेस की जरूरत इससे ज्यादा की है, तो यह विकल्प आपकी आवश्यकताओं को पूरी तरह से कवर नहीं कर पाएगा।

क्या करें?

  • लोन लेने से पहले अपनी फाइनेंशियल जरूरतों का विश्लेषण करें
  • देखिए कि लोन की रकम आपके बिजनेस में कहां और कैसे लगेगी।
  • अगर रकम कम पड़ती है, तो अन्य विकल्प जैसे बिजनेस लोन, वर्किंग कैपिटल लोन या लाइन ऑफ क्रेडिट पर विचार करें।

4. क्रेडिट स्कोर पर सीधा असर – सुधार भी कर सकता है, बिगाड़ भी

क्रेडिट स्कोर किसी भी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए एक अहम मानक होता है। जब आप बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेते हैं, तो उसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर (CIBIL Score) पर पड़ता है।

सही समय पर EMI देने पर फायदे:

  • क्रेडिट स्कोर सुधरता है
  • भविष्य में और भी लोन आसानी से मिल सकते हैं
  • कम ब्याज दर पर लोन लेने की संभावना बढ़ती है

लेकिन यदि रीपेमेंट में चूक हुई:

  • स्कोर गिरता है
  • भविष्य में लोन लेना मुश्किल होता है
  • बैंक या NBFC आप पर पेनल्टी लगा सकते हैं

इसलिए हमेशा EMI प्लानिंग पहले से करें, और ऑटो-डेबिट ऑप्शन चुनें ताकि पेमेंट समय पर हो।

5. टैक्स पर प्रभाव – केवल बिजनेस उपयोग पर मिलती है राहत

पर्सनल लोन पर आमतौर पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलती। लेकिन अगर आप यह साबित कर सकें कि आपने यह लोन केवल और केवल अपने बिजनेस के लिए लिया है, और उसका इस्तेमाल प्रूव कर सकें, तो इनकम टैक्स एक्ट के तहत आप उस पर ब्याज की राशि को खर्च में दिखा सकते हैं

इसके लिए क्या जरूरी है?

  • खर्च से जुड़े उचित डॉक्यूमेंट्स
  • बिजनेस अकाउंट में लोन अमाउंट का ट्रांसफर
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट की सलाह

यदि आपने व्यक्तिगत खर्चों में पर्सनल लोन की राशि का उपयोग किया है, तो आप पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ आ सकता है। इसलिए बिजनेस उपयोग के लिए लिए गए पर्सनल लोन को ठीक से टैक्स फाइलिंग में दिखाएं।

बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेते समय ध्यान देने योग्य अन्य बातें

1. अलग-अलग बैंकों की तुलना करें

ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, फोरक्लोजर चार्ज आदि की तुलना विभिन्न बैंकों या NBFC से जरूर करें। कई बार कोई बैंक बिना प्रोसेसिंग फीस या कम ब्याज दर की सुविधा दे रहा होता है।

2. लोन अवधि सोच-समझकर चुनें

लंबी अवधि का लोन EMI को कम तो करता है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा हो जाता है। अगर आप जल्द कर्ज से मुक्त होना चाहते हैं, तो छोटी अवधि का विकल्प चुनें।

3. अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाएं रखें

750+ का सिबिल स्कोर रखने से आपको लोन जल्दी और कम ब्याज पर मिल सकता है। अगर आपका स्कोर कम है, तो लोन से पहले उसे सुधारने के लिए छोटे स्टेप्स उठाएं।

4. अनावश्यक लोन से बचें

बिना सोचे-समझे पर्सनल लोन लेने से आपके बजट पर असर पड़ सकता है। केवल तभी लोन लें जब कोई जरूरी बिजनेस जरूरत हो।

5. EMI समय पर चुकाएं

EMI समय पर ना देने से न केवल आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है, बल्कि बैंक पेनल्टी भी लगा सकते हैं। इसके अलावा, लोन डिफॉल्ट से कानूनी समस्याएं भी आ सकती हैं।

निष्कर्ष: क्या बिजनेस के लिए पर्सनल लोन लेना सही है?

अगर आप तुरंत फंड की जरूरत में हैं, और आपके पास बिजनेस लोन लेने का समय या डॉक्यूमेंट्स नहीं हैं, तो बिजनेस के लिए पर्सनल लोन एक अच्छा विकल्प हो सकता है। लेकिन यह समझदारी से किया गया फैसला होना चाहिए।

पर्सनल लोन की सुविधाएं जितनी आकर्षक लगती हैं, उतनी ही इसकी शर्तें भी कड़ी होती हैं। इसलिए लोन लेने से पहले ब्याज दर, लोन टेन्योर, टैक्स इंप्लिकेशन और EMI कैलकुलेशन जैसे सभी पहलुओं को बारीकी से समझें।

अगर सही प्लानिंग के साथ लोन लिया जाए, तो यह आपके बिजनेस को एक नई दिशा देने में मदद कर सकता है।

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