ट्रैवल या लग्जरी आइटम के लिए पर्सनल लोन लेने की सोच रहे हैं? पहले जान लें ये जरूरी बातें

आज के समय में पर्सनल लोन लेना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। मोबाइल एप से लेकर बैंक की वेबसाइट तक, हर जगह बस कुछ क्लिक में लोन उपलब्ध है। ऐसे में जब भी पैसे की थोड़ी कमी महसूस होती है, लोग सीधे पर्सनल लोन लेने की सोचने लगते हैं। लेकिन क्या ट्रैवल या लग्जरी आइटम के लिए पर्सनल लोन लेना एक समझदारी भरा फैसला है?

अगर आप छुट्टियों पर जाने की प्लानिंग कर रहे हैं या फिर कोई महंगी घड़ी, फोन, फर्नीचर या इलेक्ट्रॉनिक गैजेट खरीदना चाहते हैं और इसके लिए पर्सनल लोन लेना सोच रहे हैं, तो रुकिए। इस लेख में हम जानेंगे कि ऐसे खर्चों के लिए पर्सनल लोन लेना कितना सही या गलत हो सकता है, और साथ ही जानेंगे इससे जुड़ी जरूरी बातें जो हर व्यक्ति को जाननी चाहिए।

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पर्सनल लोन: क्या है इसका असली मकसद?

पर्सनल लोन को एक अनसिक्योर्ड लोन माना जाता है, यानी इसके लिए आपको कोई गारंटी या संपत्ति गिरवी नहीं रखनी होती। यह लोन बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन द्वारा आपकी क्रेडिट प्रोफाइल, आय और ऋण चुकाने की क्षमता के आधार पर दिया जाता है। इसकी प्रक्रिया तेज होती है और कई बार कुछ ही घंटों में रकम आपके खाते में आ जाती है।

लेकिन यह लोन किन परिस्थितियों में लेना सही होता है?

  • मेडिकल इमरजेंसी
  • शिक्षा के खर्च
  • व्यवसाय शुरू करना या बढ़ाना
  • घर की मरम्मत या नवीनीकरण
  • विवाह जैसे जरूरी सामाजिक अवसर

अब सवाल ये उठता है कि क्या छुट्टी पर जाने या लक्जरी सामान खरीदने के लिए पर्सनल लोन लेना समझदारी है?

ट्रैवल या लग्जरी आइटम के लिए पर्सनल लोन लेना क्यों हो सकता है नुकसानदायक?

1. ऊंची ब्याज दरों का बोझ

पर्सनल लोन की सबसे बड़ी खासियत (और कमजोरी) यह है कि इस पर लगने वाली ब्याज दरें काफी अधिक होती हैं। आमतौर पर 11% से 24% तक की सालाना ब्याज दर पर्सनल लोन पर लागू होती है। इसका मतलब अगर आपने ₹1 लाख का लोन लिया है, तो अगले 3 से 5 साल में आपको करीब ₹1.3 से ₹1.6 लाख चुकाने पड़ सकते हैं।

अब सोचिए, क्या कोई ऐसी चीज़ जो सिर्फ आपकी तात्कालिक इच्छा को पूरा करने के लिए ली जा रही है, उस पर इतना ज्यादा ब्याज देना सही है?

2. गैर-जरूरी खर्च की आदत डालता है

अगर आप छोटी-छोटी इच्छाओं के लिए भी लोन लेने लगेंगे, तो धीरे-धीरे यह आदत में बदल सकती है। एक बार ट्रैवल के लिए लोन लिया, फिर अगले साल नया फोन, फिर फर्नीचर और फिर कोई नया गाड़ी… ये सिलसिला रुकता नहीं।

आर्थिक अनुशासन की बजाय यह आदत आपको कर्ज़ के चक्रव्यूह में फंसा सकती है, जहां से निकलना कठिन होता है।

3. बचत पर पड़ता है असर

जब आप हर महीने EMI भरते हैं, तो जाहिर है कि आपकी मासिक आय में से एक हिस्सा सीधे कट जाता है। इस वजह से आपकी बचत कम हो जाती है। अगर आप इस पैसे को निवेश करते, तो यह भविष्य के बड़े लक्ष्यों – जैसे घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, या रिटायरमेंट – के लिए मददगार हो सकता था।

4. भविष्य की जरूरतों के लिए लोन क्षमता घट जाती है

आपकी क्रेडिट प्रोफाइल पर हर लोन का असर होता है। अगर आप एक या अधिक पर्सनल लोन ले चुके हैं, तो अगली बार जब आपको किसी वाकई जरूरी काम के लिए लोन लेना होगा – जैसे मेडिकल इमरजेंसी या घर खरीदने के लिए – तो आपकी लोन पात्रता कम हो सकती है।

बैंक यह देखता है कि आपकी मासिक किस्तें आपकी आय के कितने हिस्से को खा रही हैं। अगर वो प्रतिशत 40-50% से ज्यादा हो जाता है, तो नया लोन मिलना मुश्किल होता है।

ट्रैवल या लग्जरी आइटम के लिए पर्सनल लोन लेने से पहले खुद से पूछें ये 5 सवाल

  1. क्या यह खर्च अभी टाला जा सकता है?
    अगर आप अगले 6 महीनों में पैसे बचाकर उसी चीज को खरीद सकते हैं, तो उधारी लेने की क्या जरूरत?
  2. क्या इसके लिए और कोई विकल्प है?
    क्रेडिट कार्ड पर नो-कॉस्ट EMI, सेविंग अकाउंट से पैसे निकालना, या FD तोड़ना भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
  3. क्या आपकी इनकम स्थिर है?
    यदि आप फ्रीलांसर या अस्थायी नौकरी में हैं, तो पर्सनल लोन का बोझ भविष्य में परेशानी खड़ी कर सकता है।
  4. क्या आपके पास इमरजेंसी फंड है?
    अगर नहीं, तो पहले उसे बनाना प्राथमिकता होनी चाहिए, न कि लक्जरी यात्रा पर खर्च करना।
  5. क्या आप पहले से कोई कर्ज चुका रहे हैं?
    अगर हां, तो नया लोन लेना आपकी वित्तीय स्थिति को कमजोर कर सकता है।

ऐसे खर्चों के लिए बेहतर विकल्प क्या हो सकते हैं?

1. बजट बनाएं और बचत शुरू करें

यदि कोई लक्जरी आइटम या छुट्टी आपकी इच्छाओं में है, तो उसके लिए सिस्टमैटिक सेविंग प्लान बनाएं। हर महीने थोड़ी रकम अलग रखकर कुछ ही महीनों में आप उस चीज को बिना कर्ज के खरीद सकते हैं।

2. SIP या छोटी अवधि के म्यूचुअल फंड में निवेश

अगर आपकी प्लानिंग 6 से 12 महीनों की है, तो आप अल्पकालिक म्यूचुअल फंड या SIP के जरिए फंड तैयार कर सकते हैं।

3. नो-कॉस्ट EMI का विकल्प

अगर कोई जरूरी इलेक्ट्रॉनिक आइटम लेना है, तो कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स नो-कॉस्ट EMI का विकल्प देते हैं। इससे आप ब्याज के बोझ से बच सकते हैं।

4. क्रेडिट कार्ड ऑफर का सही उपयोग

कई क्रेडिट कार्ड कंपनियां फेस्टिव सीजन में बिना ब्याज या कम ब्याज दरों पर किस्तों की सुविधा देती हैं। इसका उपयोग समझदारी से किया जा सकता है, लेकिन टाइम पर भुगतान जरूरी है।

पर्सनल लोन लेना ही है, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

  • ब्याज दर की तुलना करें: हर बैंक की पॉलिसी अलग होती है, इसलिए 3-4 बैंकों की ब्याज दरों और शर्तों की तुलना जरूर करें।
  • प्रोसेसिंग फीस और हिडन चार्ज जानें: लोन लेते समय केवल EMI नहीं, प्रोसेसिंग फीस, GST, फोरक्लोजर चार्ज आदि को भी ध्यान में रखें।
  • EMI आपकी आय के 30% से ज्यादा न हो: यह एक सुरक्षित सीमा मानी जाती है ताकि आपकी बचत और अन्य खर्च प्रभावित न हों।
  • क्रेडिट स्कोर सुधारें: अच्छा क्रेडिट स्कोर (750+) होने से लोन जल्दी और कम ब्याज पर मिलता है।
  • लोन की अवधि सोच-समझकर चुनें: ज्यादा लंबी अवधि से EMI तो कम होती है, लेकिन कुल ब्याज ज्यादा देना पड़ता है।

निष्कर्ष: क्या ट्रैवल या लक्जरी खर्च के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए?

नहीं। यदि आप अपने सपनों की यात्रा या महंगे आइटम की खरीदारी के लिए लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह एक गैर-आर्थिक निर्णय हो सकता है। पर्सनल लोन एक ऐसा औजार है जिसे आपात स्थिति या जरूरी खर्चों के लिए उपयोग में लाना चाहिए, न कि तात्कालिक इच्छाओं को पूरा करने के लिए।

याद रखें, आपकी वित्तीय आज़ादी तभी बनी रहेगी जब आप बचत, निवेश और अनुशासित खर्च को प्राथमिकता देंगे। पर्सनल लोन की सुविधा का लाभ लें, लेकिन सोच-समझकर और जरूरत के अनुसार।

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