इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (आसेसमेंट ईयर 2025-26) के लिए नए ITR फॉर्म 1 (सहज) और ITR फॉर्म 4 (सुगम) को नोटिफाई कर दिया है। इन फॉर्म्स के जरिये वे लोग और इकाइयां जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, अब अपने टैक्स रिटर्न आसानी से दाखिल कर सकेंगे। खास बात यह है कि इस बार इन फॉर्म्स में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिससे शेयरों और म्यूचुअल फंड से हुई कमाई वाले निवेशकों को बड़ी राहत मिली है।
इस ब्लॉग पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि इन बदलावों का आपके टैक्स रिटर्न दाखिल करने पर क्या असर पड़ेगा, कौन-कौन से फॉर्म्स आपको भरने होंगे, और शेयरों व म्यूचुअल फंड से हुई तगड़ी कमाई पर किस तरह से इनकम टैक्स देना होगा।
Contents
- 1 ITR फॉर्म में बदलाव: क्या है नया?
- 2 कौन भर सकता है ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम)?
- 3 शेयरों और म्यूचुअल फंड से हुई है तगड़ी कमाई तो भरना होगा यह फॉर्म
- 4 कौन नहीं भर सकता ITR-1 और ITR-4?
- 5 शेयरों और म्यूचुअल फंड से कमाई पर टैक्स कैसे लागू होगा?
- 6 शेयरों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए टिप्स
- 7 निष्कर्ष: आसान हुआ टैक्स रिटर्न फाइल करना
ITR फॉर्म में बदलाव: क्या है नया?
आम तौर पर जो लोग 50 लाख रुपये तक की कुल आमदनी करते हैं, वे ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का इस्तेमाल कर टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं। लेकिन अब जो सबसे बड़ा बदलाव आया है, वह है:
वित्त वर्ष 2024-25 में 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) वाले लोग भी ITR-1 और ITR-4 फॉर्म का उपयोग कर सकेंगे।
पहले LTCG वाले निवेशकों को ITR-2 या ITR-3 भरना होता था, जो कि ज्यादा जटिल फॉर्म होते हैं। अब यह नियम आसान हो गया है, जिससे टैक्सपेयर्स को काफी मदद मिलेगी।
कौन भर सकता है ITR-1 (सहज) और ITR-4 (सुगम)?
ITR-1 (सहज) के लिए पात्रता:
- जिनकी कुल सालाना आमदनी 50 लाख रुपये तक हो।
- आय सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों जैसे बैंक इंटरेस्ट आदि से हो।
- खेती-बाड़ी से सालाना 5,000 रुपये तक की आय हो।
ITR-4 (सुगम) के लिए पात्रता:
- कुल सालाना आय 50 लाख रुपये तक हो।
- आय में बिजनेस या प्रोफेशन से कमाई भी शामिल हो।
- हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUF) और फर्म्स (एलएलपी को छोड़कर) भी इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।
शेयरों और म्यूचुअल फंड से हुई है तगड़ी कमाई तो भरना होगा यह फॉर्म
नए बदलाव के अनुसार, अगर वित्त वर्ष 2024-25 में आपकी निवेश आय (LTCG) लिस्टेड इक्विटी शेयरों या इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स से 1.25 लाख रुपये तक की है, तो आप ITR-1 या ITR-4 फॉर्म के जरिए अपनी टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
आइए समझते हैं LTCG पर टैक्स नियम क्या हैं:
- 1.25 लाख रुपये तक का LTCG टैक्स फ्री है।
- इससे ऊपर के LTCG पर 12.5% का टैक्स लगेगा।
सीए सुशील अग्रवाल का कहना है, “यह बदलाव टैक्सपेयर्स के लिए पॉजिटिव है। इससे वे आसानी से ITR-1 या ITR-4 फॉर्म का उपयोग कर सकेंगे, जबकि पहले उन्हें ITR-2 या ITR-3 भरना पड़ता था।”
कौन नहीं भर सकता ITR-1 और ITR-4?
ITR-1 फॉर्म नहीं भर सकते:
- जिन लोगों को हाउस प्रॉपर्टी बेचने से कैपिटल गेन हुआ हो।
- जिनके पास लिस्टेड इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हो।
- जो किसी कंपनी के डायरेक्टर हों।
ITR-4 फॉर्म नहीं भर सकते:
- जो किसी कंपनी में डायरेक्टर हों।
- जिनके पास अनलिस्टेड शेयर हों।
- जिनके पास विदेशी संपत्ति या विदेशी स्रोत से आय हो।
- जिनकी खेती-बाड़ी की आय सालाना 5,000 रुपये से अधिक हो।
शेयरों और म्यूचुअल फंड से कमाई पर टैक्स कैसे लागू होगा?
1. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG):
- लिस्टेड इक्विटी शेयर या इक्विटी म्यूचुअर फंड्स की होल्डिंग एक साल से अधिक की हो।
- 1.25 लाख रुपये तक का LTCG टैक्स फ्री।
- इसके ऊपर 12.5% टैक्स।
2. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG):
- शेयरों या म्यूचुअल फंड की होल्डिंग एक साल से कम हो।
- 15% का टैक्स।
शेयरों और म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए टिप्स
- टैक्स नियमों की समझ रखें: LTCG और STCG के टैक्स नियमों को अच्छे से समझना जरूरी है ताकि आप अपनी टैक्स देनदारी सही तरीके से भर सकें।
- ITR फॉर्म चुनने में सावधानी: आपकी आय की प्रकृति और निवेश के हिसाब से सही ITR फॉर्म चुनें। इससे आप टैक्स नियमों का उल्लंघन नहीं करेंगे और सही तरीके से रिटर्न फाइल कर सकेंगे।
- डॉक्यूमेंटेशन रखें: शेयरों और म्यूचुअल फंड की बिक्री से जुड़े सभी बिल और स्टेटमेंट संभाल कर रखें, जिससे टैक्स रिटर्न दाखिल करते वक्त परेशानी न हो।
- टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लें: अगर आपकी आय स्रोत जटिल है, तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स कंसल्टेंट से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष: आसान हुआ टैक्स रिटर्न फाइल करना
इस बार इनकम टैक्स विभाग ने ITR फॉर्म 1 और 4 में बदलाव करके शेयरों और म्यूचुअल फंड से हुई तगड़ी कमाई वाले निवेशकों के लिए टैक्स रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया को काफी सरल बना दिया है। 1.25 लाख रुपये तक के LTCG वाले अब जटिल फॉर्म भरने की जगह सहज और सुगम फॉर्म का उपयोग कर पाएंगे।
इस बदलाव से न केवल टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ेगी बल्कि टैक्स प्रशासन भी आसान होगा। इसलिए अगर आपने इस वित्त वर्ष में शेयरों और म्यूचुअल फंड से अच्छी कमाई की है, तो आपको अपने इनकम टैक्स रिटर्न में इन नए नियमों के मुताबिक ITR फॉर्म भरना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या मैं ITR-1 फॉर्म तब भी भर सकता हूँ जब मेरी शेयर बिक्री से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हो?
उत्तर: नहीं, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन वाले निवेशक ITR-1 फॉर्म नहीं भर सकते। उन्हें अन्य उपयुक्त फॉर्म भरना होगा।
प्रश्न 2: क्या 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर कोई टैक्स देना होगा?
उत्तर: नहीं, 1.25 लाख रुपये तक के LTCG पर टैक्स छूट दी गई है।
प्रश्न 3: मैं कंपनी का डायरेक्टर हूँ, क्या मैं ITR-1 या ITR-4 फॉर्म भर सकता हूँ?
उत्तर: नहीं, कंपनी डायरेक्टर ITR-1 या ITR-4 फॉर्म नहीं भर सकते।