health-insurance-kaise-chune-best-policy-guide – हेल्थ इंश्योरेंस: अब विकल्प नहीं, जरूरत है
आज के समय में चिकित्सा खर्च तेजी से बढ़ रहे हैं। एक मामूली बीमारी का इलाज भी हजारों से लेकर लाखों रुपये तक पहुंच सकता है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस अब सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि हर व्यक्ति और परिवार के लिए जरूरी सुरक्षा बन चुका है।
लेकिन सबसे बड़ा सवाल है — “हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें?”
बाजार में दर्जनों कंपनियों और सैकड़ों प्लान्स के बीच सही हेल्थ इंश्योरेंस चुनना आसान नहीं है। इसलिए इस लेख में हम बताएंगे 6 ऐसी जरूरी बातें, जिन पर ध्यान देकर आप अपने और अपने परिवार के लिए सबसे उपयुक्त हेल्थ पॉलिसी का चुनाव कर सकते हैं।
Contents
- 1 1. अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान चुनें
- 2 2. कंपनियों और उनके प्लान्स की तुलना जरूर करें
- 3 3. क्लेम सेटलमेंट रेशियो (Claim Settlement Ratio) जरूर देखें
- 4 4. Comprehensive Coverage यानी सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन तक सीमित नहीं
- 5 5. Exclusions यानी क्या-क्या कवर नहीं है, ये ध्यान से पढ़ें
- 6 6. प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च का कवरेज
- 7 निष्कर्ष: हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें — समझदारी और सावधानी से
1. अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान चुनें
हर व्यक्ति या परिवार की मेडिकल जरूरतें अलग होती हैं। इसलिए प्लान भी उसी के अनुसार होना चाहिए।
- इंडिविजुअल प्लान (Individual Health Insurance): अगर आप अकेले हैं या आपकी फैमिली अलग जगह रहती है, तो यह सही है।
- फैमिली फ्लोटर प्लान (Family Floater Policy): अगर आप अपने पति/पत्नी, बच्चों या माता-पिता के साथ रहते हैं, तो एक संयुक्त फैमिली फ्लोटर प्लान लें, जिससे सभी को एक ही प्रीमियम में कवरेज मिले।
टिप: बुजुर्ग माता-पिता के लिए अलग प्लान बेहतर होता है क्योंकि उनकी उम्र ज्यादा होने से प्रीमियम बढ़ सकता है।
2. कंपनियों और उनके प्लान्स की तुलना जरूर करें
हर बीमा कंपनी का प्रीमियम, कवरेज, नेटवर्क हॉस्पिटल और क्लेम प्रक्रिया अलग होती है। इसलिए किसी एक कंपनी पर आंख मूंदकर भरोसा करने की बजाय कम से कम 3–4 पॉलिसियों की तुलना करें।
तुलना करते समय ध्यान दें:
- प्रीमियम रेट
- कवरेज अमाउंट
- नेटवर्क हॉस्पिटल की संख्या
- क्लेम प्रक्रिया
- कस्टमर रिव्यू और रेटिंग
आप Policybazaar, Coverfox, या IRDAI की वेबसाइट से भी तुलना कर सकते हैं।
3. क्लेम सेटलमेंट रेशियो (Claim Settlement Ratio) जरूर देखें
क्लेम सेटलमेंट रेशियो (CSR) यह बताता है कि इंश्योरेंस कंपनी को जितने क्लेम मिले, उसमें से कितने क्लेम उन्होंने निपटाए। यह कंपनी की भरोसेमंदता का सबसे अहम पैमाना होता है।
- Ideal CSR: 95% या उससे अधिक
- CSR जितना ज्यादा, कंपनी उतनी विश्वसनीय
IRDAI हर साल कंपनियों का CSR डेटा जारी करता है, जिससे आप सही निर्णय ले सकते हैं।
4. Comprehensive Coverage यानी सिर्फ हॉस्पिटलाइजेशन तक सीमित नहीं
आज के समय में अच्छा हेल्थ प्लान वही माना जाता है जो सिर्फ अस्पताल में भर्ती का खर्च ही नहीं, बल्कि उससे जुड़े अन्य जरूरी खर्चों को भी कवर करे।
ऐसे खर्चों को जरूर देखें:
- OPD खर्च (बिना भर्ती के इलाज)
- प्री और पोस्ट हॉस्पिटल खर्च
- दवाइयां और टेस्ट
- डे-केयर ट्रीटमेंट (जैसे कैटरेक्ट, डायलिसिस आदि)
- होम केयर और नर्सिंग
- टेली-कंसल्टेशन
Comprehensive हेल्थ प्लान लें जो इन सभी पहलुओं को कवर करे।
5. Exclusions यानी क्या-क्या कवर नहीं है, ये ध्यान से पढ़ें
बहुत से लोग पॉलिसी की शर्तें नहीं पढ़ते और बाद में क्लेम रिजेक्ट हो जाता है। इसलिए पॉलिसी खरीदने से पहले उसके Exclusion List को ध्यान से पढ़ें।
आमतौर पर Exclude किए जाते हैं:
- पहले से मौजूद बीमारियां (Initial Waiting Period)
- कॉस्मेटिक सर्जरी
- Dental या Hearing Aid
- एडिक्शन/ड्रग से जुड़ी बीमारियां
- वैकल्पिक इलाज (कुछ प्लान आयुर्वेद/होम्योपैथी कवर नहीं करते)
इन बातों को अनदेखा करने से बाद में क्लेम रिजेक्शन का सामना करना पड़ सकता है।
6. प्री और पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन खर्च का कवरेज
अस्पताल में भर्ती होने से पहले और छुट्टी के बाद भी काफी खर्च होता है—जैसे कि टेस्ट, डॉक्टर विज़िट, दवाइयां, फॉलो-अप आदि। इसलिए यह देखना जरूरी है कि आपका प्लान इसे कितने दिन तक कवर करता है।
आदर्श कवरेज:
- प्री-हॉस्पिटलाइजेशन: 30 से 60 दिन
- पोस्ट-हॉस्पिटलाइजेशन: 60 से 180 दिन
जितना ज्यादा दिन कवरेज मिलेगा, उतनी ही ज्यादा आपकी जेब को राहत।
निष्कर्ष: हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें — समझदारी और सावधानी से
हेल्थ इंश्योरेंस कैसे चुनें, यह सवाल अब केवल एक विकल्प नहीं बल्कि आपकी आर्थिक सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। सही योजना का चुनाव:
- आपको मेडिकल इमरजेंसी में दिवालिया होने से बचा सकता है
- आपकी बचत को सुरक्षित रखता है
- मानसिक सुकून देता है
इसलिए उपरोक्त 6 बातों का ध्यान रखकर ही हेल्थ पॉलिसी चुनें। साथ ही, हर साल पॉलिसी रिव्यू करें और समय के साथ उसे अपग्रेड करते रहें।