आज की बढ़ती शिक्षा लागत के चलते एजुकेशन लोन लेना छात्रों के लिए आम जरूरत बन गया है। लेकिन जब बात आती है माता-पिता के डिफॉल्ट होने की, तो छात्र के लिए लोन लेना एक चुनौती बन जाता है। अगर आपके माता-पिता ने पहले किसी लोन की EMI नहीं चुकाई या वे डिफॉल्टर हैं, तो क्या फिर भी आपको एजुकेशन लोन मिल पाएगा? बैंक और वित्तीय संस्थान इस मामले में क्या नियम मानते हैं? आइए विस्तार से जानते हैं।
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बैंक एजुकेशन लोन देते वक्त किन बातों का ध्यान रखते हैं?
जब कोई छात्र एजुकेशन लोन के लिए आवेदन करता है, तो बैंक केवल छात्र की योग्यता और दाखिले को नहीं देखते। वे सह-आवेदक यानी गारंटर की भी क्रेडिट हिस्ट्री, वित्तीय स्थिति और CIBIL स्कोर की जांच करते हैं।
अधिकतर मामलों में सह-आवेदक छात्र के माता-पिता ही होते हैं। अगर माता-पिता का CIBIL स्कोर खराब है या वे किसी पुराने लोन पर डिफॉल्टर हैं, तो:
- बैंक के लिए लोन का रिस्क बढ़ जाता है।
- लोन आवेदन रिजेक्ट हो सकता है।
- ब्याज दर अधिक लग सकती है।
- अतिरिक्त सिक्योरिटी या गारंटी की मांग हो सकती है।
माता-पिता के डिफॉल्टर होने का गारंटर बनने पर क्या प्रभाव पड़ता है?
अगर माता-पिता डिफॉल्टर हैं और वे सह-आवेदक बनते हैं, तो बैंक की मंजूरी मिलना मुश्किल हो जाता है। सरकारी बैंक क्रेडिट स्कोर को बहुत गंभीरता से लेते हैं और ऐसे मामलों में वे लोन देने में हिचकते हैं।
हालांकि, कुछ प्राइवेट बैंक और NBFCs (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी) थोड़ी लचीलापन दिखाते हैं, लेकिन उनकी ब्याज दरें आमतौर पर अधिक होती हैं और वे अधिक दस्तावेज मांग सकते हैं।
क्या छात्र के नाम पर एजुकेशन लोन मिल सकता है?
कुछ खास स्थितियों में छात्र के नाम पर भी एजुकेशन लोन लिया जा सकता है, जैसे:
- छात्र की खुद की आय हो: यदि छात्र पार्ट-टाइम जॉब करता है या कोई नियमित आय है।
- तीसरा व्यक्ति सह-आवेदक बने: रिश्तेदार, परिवार का कोई मित्र या कोई अन्य विश्वसनीय गारंटर सह-आवेदक बनने के लिए तैयार हो।
- प्रसिद्ध संस्थान में प्रवेश: IIT, IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान जहां प्लेसमेंट की संभावना अधिक हो, बैंक अधिक भरोसा करता है।
इस तरह के मामलों में बैंक जोखिम कम मानते हैं और लोन मंजूर कर सकते हैं।
माता-पिता के डिफॉल्टर होने पर एजुकेशन लोन के विकल्प
1. सरकारी योजनाएं और पोर्टल
भारत सरकार के Vidya Lakshmi Portal जैसे मंच पर कई बैंक एजुकेशन लोन प्रदान करते हैं। यहां गारंटी की शर्तें अपेक्षाकृत आसान होती हैं, जिससे डिफॉल्टर परिवारों के लिए मदद मिल सकती है।
2. स्कॉलरशिप और अनुदान
मेडावी छात्रों को सरकार और निजी संस्थान विभिन्न प्रकार की स्कॉलरशिप देते हैं। यह अनुदान एजुकेशन लोन की जरूरत को कम कर सकता है।
3. NBFC से एजुकेशन लोन
Avanse, InCred, Auxilo जैसी NBFC कंपनियां पारंपरिक बैंकों की तुलना में थोड़ी लचीली होती हैं। वे डिफॉल्टर गारंटर पर भी लोन दे सकती हैं, लेकिन ब्याज दरें थोड़ी अधिक होती हैं।
4. कॉलेज-आधारित फाइनेंसिंग
कुछ प्रीमियम कॉलेज और संस्थान अपने छात्रों के लिए स्वयं लोन या फाइनेंसिंग स्कीम प्रदान करते हैं। इसमें पारिवारिक क्रेडिट हिस्ट्री पर कम ध्यान दिया जाता है।
एजुकेशन लोन लेने से पहले क्या करें?
- अपने और अपने माता-पिता का क्रेडिट स्कोर जरूर जांचें।
- लोन आवेदन से पहले बैंक या वित्तीय संस्थान से सभी शर्तें समझ लें।
- यदि माता-पिता डिफॉल्टर हैं, तो गारंटर के विकल्प तलाशें।
- स्कॉलरशिप और सरकारी सहायता की जानकारी लें।
- NBFC और कॉलेज की फाइनेंसिंग योजनाओं को भी देखें।
निष्कर्ष
माता-पिता के डिफॉल्टर होने पर एजुकेशन लोन मिलना थोड़ा चुनौतीपूर्ण जरूर होता है, लेकिन पूरी तरह नामुमकिन नहीं। सही जानकारी, सही विकल्प और धैर्य से आप लोन पा सकते हैं। सरकारी योजनाएं, NBFC और कॉलेज आधारित फाइनेंसिंग विकल्प उपलब्ध हैं, जो इस स्थिति में आपकी मदद कर सकते हैं।
इसलिए, बिना हार माने, अपने विकल्पों को समझें और सही निर्णय लें ताकि आपकी उच्च शिक्षा की राह सुगम बनी रहे।